विचार।
1 min readJan 6, 2020
विचार प्रकट करना हमेशा सरल नहीं होता,
पर
विचार लुप्त कैसे होता है, वह चिरायु है।
विचार का सृजन हिंसा में नहीं है
भय से विचार नहीं रोका जा सकता
और विचार भय पैदा भी नहीं कर सकता
हर तर्क विचार से नहीं आता
बहुत कुछ हुल्लड़बाजी भी होता है
शोर में सच धुंधला जाता है
सत्य तक जाने के लिए चाहिए
अनवेषण, धैर्य
न की, उन्माद…
अगर आप हमेशा सही होने के नैतिक पटल पर ही खड़े रहेंगे
तो बाकी सब गलत ही लगेगा।
जब सही गलत के बाइनरी से आगे
सत्य की ओर विचार बढ़ता है
वो भय और द्वेश के परे होता है
वहीं पर गांधी और भगत तैयार होते हैं ॥