मैं ऐसा क्या लिख दूँ

Aaditya Tiwari
1 min readMay 17, 2020

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मैं बोलूँ तो सुनेगा कौन,

मैं लिखुं तो पढ़ेगा कौन,

अपने अपने मैन-होल में हैं फँसे

वहाँ से कब निकलेंगे बाहर?

कौन है ज़िम्मेदार कौन नहीं,

ये बात बाद की है,

देख तो हम रहे ही हैं सब

कोई बैठा है….धीमी दबी आवाज़ में

बुदबुदाता, सर झुकाए हुए

हम क्या कर सकते हैं?

देख तो हम सब रहे ही हैं,

मैं ऐसा क्या बोल दूँ,

की किसी और की छोड़ो,

मैं खुद सुन लूँ,

जो चल रहे हैं आज,

उनके दर्द को किसी और तरह भी समझ लूँ,

मैं ऐसा क्या लिख दूँ,

की मैं खुद पढ़ लूँ।

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Aaditya Tiwari

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